Photography By : akashphotography on Instagram
Poetry By : prateeksaurav_05 on Instagram
टैगोर हील पे जगमगाती
संदल सी शाम!
मोराबादी की सड़को
पे कुल्हड़ की चाय के साथ
वो बेतहाशा ठहाके!
लालपुर चौक से रोज
गुजरता हुआ नयी
नस्लों का जत्था!
रेस्टोरेंट्स और कोचिंग
इंस्टिट्यूट से भरा हुआ
युवाओं का शहर!
यहां के और भी अद्भुत से
नज़ारो को समेटकर जब
मिलाते है थोड़ी सी मुहब्बत
थोड़ा सा अपनापन!
और इन सबके बाद
यहां के हर धड़कन
से आती आवाज
माही मार रहा है,,
माही मार रहा है,,
और जब ये सारे अनूठे
संगम मिलते है,
तब जाकर बनता है
रांची शहर!!!
~ प्रतीक सौरभ
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